Teras tithi kab hai – जानिए तेरस तिथि और उसका महत्व

भारत में त्योहारों और तिथियों का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह की त्रयोदशी तिथि यानी तेरस का अपना एक विशेष स्थान है। चाहे वह शुक्ल पक्ष की तेरस हो या कृष्ण पक्ष की तेरस, हर तेरस पर विशेष पूजन और धार्मिक क्रियाएं की जाती हैं। यदि आप जानना चाहते हैं कि teras tithi kab hai, तो इस लेख में आपको 2025 की सभी तेरस तिथियों के बारे में जानकारी मिलेगी—साथ ही यह भी समझेंगे कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है।

Contents

Teras tithi kab hai? – तेरस क्या होती है?

तेरस का मतलब है ‘तेरहवां दिन’। यह तिथि हर पक्ष में आती है—एक बार शुक्ल पक्ष में और एक बार कृष्ण पक्ष में। इस तिथि को पंचांग में त्रयोदशी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में तेरस तिथि विशेष रूप से पूजा, व्रत और ध्यान के लिए जानी जाती है।

Teras tithi kab hai 2025?

अब आइए जानते हैं कि teras tithi kab hai 2025 में। यहां हमने शुक्ल और कृष्ण पक्ष की तेरस दोनों की तारीखें दी हैं ताकि आप पहले से योजना बना सकें:

जनवरी 2025 में तेरस कब है?

  • कृष्ण पक्ष की तेरस: 6 जनवरी 2025, सोमवार
  • शुक्ल पक्ष की तेरस: 20 जनवरी 2025, सोमवार

अप्रैल 2025 में तेरस कब है?

  • कृष्ण पक्ष की तेरस: 3 अप्रैल 2025, गुरुवार
  • शुक्ल पक्ष की तेरस: 17 अप्रैल 2025, गुरुवार

नवंबर में तेरस कब है?

  • कृष्ण पक्ष की तेरस: 14 नवंबर 2025, शुक्रवार (धनतेरस)
  • शुक्ल पक्ष की तेरस: 28 नवंबर 2025, शुक्रवार

कृष्ण पक्ष की तेरस कब है?

कृष्ण पक्ष की तेरस आमतौर पर अमावस्या से पहले आती है और यह विशेष रूप से पितृ तर्पण, शिव पूजन और व्रत के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस तिथि को कई लोग ‘मासिक शिवरात्रि’ के उपवास के रूप में भी मनाते हैं। teras tithi kab hai – जानिए तेरस तिथि और उसका महत्व

शुक्ल पक्ष की तेरस कब है?

शुक्ल पक्ष की तेरस पूर्णिमा के बाद आती है और यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा, दान और ब्राह्मण भोज के लिए उपयुक्त मानी जाती है। खास तौर पर दक्षिण भारत में इस तिथि का महत्व अधिक देखा जाता है।

2025 की सभी तेरस तिथियां (Trayodashi Kab Hai)

यहां नीचे 2025 की सभी तेरस तिथियों की लिस्ट दी गई है, ताकि आप पूरे साल के लिए तैयार रहें:

माहकृष्ण पक्ष की तेरसशुक्ल पक्ष की तेरस
जनवरी6 जनवरी 202520 जनवरी 2025
फरवरी5 फरवरी 202519 फरवरी 2025
मार्च7 मार्च 202521 मार्च 2025
अप्रैल3 अप्रैल 202517 अप्रैल 2025
मई2 मई 202516 मई 2025
जून1 जून 202514 जून 2025
जुलाई1 जुलाई 202514 जुलाई 2025
अगस्त30 जुलाई 202512 अगस्त 2025
सितंबर28 अगस्त 202510 सितंबर 2025
अक्टूबर27 सितंबर 202511 अक्टूबर 2025
नवंबर14 नवंबर 202528 नवंबर 2025
दिसंबर13 दिसंबर 202527 दिसंबर 2025

🕉 तेरस तिथि का धार्मिक महत्व

तेरस केवल एक तिथि नहीं है, बल्कि यह जीवन में शांति, समृद्धि और शुभता लाने वाली तिथि मानी जाती है। विशेष रूप से धनतेरस (कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की तेरस) को लक्ष्मी पूजन, यम पूजन और धन की प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

  • धनतेरस: इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व होता है। लोग सोना, चांदी, बर्तन, और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदते हैं।
  • प्रदोष व्रत: तेरस के दिन प्रदोष व्रत रखने से शिव कृपा प्राप्त होती है।
  • संध्या पूजन: तेरस को संध्या समय विशेष पूजा करने की परंपरा है।

व्रत और पूजन विधि

अगर आप teras tithi kab hai 2022 जैसे पिछले वर्षों की तिथियों को भी देखें, तो पाएंगे कि तेरस व्रत की विधि वर्षों से एक जैसी है:

  1. सुबह स्नान के बाद संकल्प लें।
  2. शिव या विष्णु की पूजा करें।
  3. धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।
  4. कथा श्रवण करें (यदि प्रदोष व्रत है)।
  5. संध्या के समय दीप जलाएं और मंत्रों का उच्चारण करें।

तेरस से जुड़ी पौराणिक कथाएं

  • समुद्र मंथन और धनतेरस: समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरि देव तेरस के दिन अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस को चिकित्सा और स्वास्थ्य का प्रतीक भी माना जाता है।
  • प्रदोष व्रत की कथा: यह व्रत भगवान शिव से जुड़ा हुआ है, जहां व्रती को मोक्ष और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है।

क्या आप जानते हैं?

  • तेरस के दिन तांबे या चांदी के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।
  • कई लोग इस दिन यमराज की पूजा भी करते हैं, खासकर दीपावली से पहले।
  • तेरस का संबंध ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह से होता है, जो सौंदर्य और समृद्धि का कारक है।

इस महीने में तेरस कब है?

हर महीने के शुरू होते ही लोगों के मन में सवाल आता है: इस महीने में तेरस कब है? इसके लिए आप अपना पंचांग देख सकते हैं या इस ब्लॉग को बुकमार्क कर सकते हैं। हमने ऊपर 2025 के पूरे साल की तिथियां दी हैं ताकि आपको बार-बार गूगल न करना पड़े।

डिजिटल पंचांग और Apps से सहायता लें

आजकल बहुत से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स हैं जहां आप ‘तेरस कब है’ जैसी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं:

  • Drik Panchang
  • Hindu Calendar App
  • ISKCON Calendar

तेरस तिथि से जुड़े सामान्य प्रश्न

तेरस तिथि क्या है?

उत्तर: तेरस तिथि, जिसे त्रयोदशी भी कहा जाता है, हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की 13वीं तिथि होती है। यह तिथि विशेष धार्मिक महत्व रखती है और खासकर प्रदोष व्रत और धनतेरस जैसे पर्व इसी दिन मनाए जाते हैं। तेरस को स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।

तेरस कब है 2025 January में?

जनवरी 2025 में दो बार तेरस तिथि आएगी: teras tithi kab hai – जानिए तेरस तिथि और उसका महत्व

  • कृष्ण पक्ष की तेरस: 6 जनवरी 2025, सोमवार
  • शुक्ल पक्ष की तेरस: 20 जनवरी 2025, सोमवार अगर आप “Teras tithi kab hai 2025 January में” ढूंढ रहे हैं, तो इन तिथियों को जरूर नोट करें।

 त्रयोदशी तिथि कब है?

त्रयोदशी तिथि हर माह दो बार आती है:

  • एक बार कृष्ण पक्ष में (अमावस्या से पहले),
  • और एक बार शुक्ल पक्ष में (पूर्णिमा से पहले)। 2025 में, त्रयोदशी तिथियां अलग-अलग महीने में अलग तारीखों पर पड़ेंगी। जैसे, अप्रैल में यह 3 अप्रैल और 17 अप्रैल को होगी।

हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि क्या है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, “तिथि” चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तय की जाती है। चंद्रमा और सूर्य के बीच की कोणीय दूरी के अनुसार हर माह 30 तिथियां होती हैं, जो अमावस्या से पूर्णिमा तक (शुक्ल पक्ष) और फिर पूर्णिमा से अमावस्या तक (कृष्ण पक्ष) विभाजित होती हैं। हर तिथि का अपना धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है, जैसे त्रयोदशी तिथि (तेरस), जो उपवास और पूजा के लिए शुभ मानी जाती है।

तेरस और त्रयोदशी में क्या अंतर है?

उत्तर: तेरस और त्रयोदशी दोनों एक ही तिथि को कहते हैं। “त्रयोदशी” संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है “तेरहवां दिन”, और “तेरस” उसका आम हिंदी नाम है। यह तिथि हर महीने दो बार आती है—एक बार शुक्ल पक्ष में और एक बार कृष्ण पक्ष में।

तेरस के दिन कौन सा व्रत रखा जाता है?

उत्तर: तेरस के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत विशेष रूप से संध्या काल में पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तेरस को धनतेरस भी कहा जाता है, जो दीपावली से पहले आता है।

तेरस की पूजा कैसे की जाती है?

उत्तर: तेरस की पूजा में व्यक्ति सुबह स्नान कर के शिव या विष्णु का पूजन करता है। संध्या के समय दीप जलाकर व्रत कथा का श्रवण किया जाता है। धनतेरस के दिन लोग यमराज की पूजा भी करते हैं और नए बर्तन या धन-संपत्ति खरीदते हैं।

तेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है?

तेरस पर खासकर धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, गहने, धन से जुड़ी वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि इस दिन की गई खरीदारी साल भर सुख-समृद्धि लाती है।

Teras Tithi Kab Hai 2022 में?

अगर आप जानना चाहते हैं Teras Tithi Kab Hai 2022, तो उदाहरण के लिए:

  • जनवरी 2022 में कृष्ण पक्ष की तेरस 26 जनवरी को थी।
  • अप्रैल 2022 में शुक्ल पक्ष की तेरस 14 अप्रैल को आई थी।

आप पिछली तिथियों को देखने के लिए पुराने पंचांग या ऑनलाइन कैलेंडर की मदद ले सकते हैं।

निष्कर्ष

2025 में Teras tithi kab hai यह जानना अब आपके लिए आसान हो गया है। हमने इस लेख में न केवल तिथियों की जानकारी दी, बल्कि उनका महत्व, व्रत विधि, पौराणिक कथाएं और उपयोगी सुझाव भी दिए। यह जानकारी आपके धार्मिक जीवन में संतुलन और समृद्धि लाने में मदद कर सकती है।

Leave a Comment

two × four =