ग्यारस, जिसे हिंदी में एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे धार्मिक आस्था के साथ मनाया जाता है। अगर आप सोच रहे हैं कि Gyaras Kitni Tarikh ki hai या ग्यारस के तारीख की है, तो इस ब्लॉग में हम आपको ग्यारस की तारीखों, महत्व, और उससे जुड़ी अन्य जानकारियों के बारे में विस्तार से बताएंगे। ग्यारस या एकादशी हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हर महीने की ग्यारस को व्रत रखने से आध्यात्मिक शुद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि ग्यारस कितनी तारीख की है और 2025 में ग्यारस कब-कब पड़ेंगी, तो यह ब्लॉग आपके लिए है। यहां हम ग्यारस के इतिहास, महत्व, और 2025 की ग्यारस तिथियों की पूरी जानकारी देंगे।
ग्यारस क्या है? (What is Gyaras/Ekadashi)
ग्यारस या एकादशी हिन्दू पंचांग की 11वीं तिथि होती है, जो प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और भक्त उपवास रखते हैं। ग्यारस का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
ग्यारस के दिन क्या करें?
- भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें।
- पूरी तरह से निर्जला (बिना जल के) या अन्न-व्रत रखें।
- पवित्रता का ध्यान रखें और दान-पुण्य करें।
ग्यारस कितनी तारीख की है? (Gyaras Kitni Tarikh Ki Hai)
ग्यारस की तारीख हर महीने बदलती रहती है क्योंकि यह चंद्र कैलेंडर पर आधारित होती है। 2025 में ग्यारस की तिथियां निम्नलिखित हैं:
महीना | ग्यारस की तारीख (Ekadashi Date) 2025 |
जनवरी | 10 जनवरी (पौष पुत्रदा एकादशी), 25 जनवरी (षटतिला एकादशी) |
फरवरी | 8 फरवरी (जया एकादशी), 24 फरवरी (विजया एकादशी) |
मार्च | 10 मार्च (आमलकी एकादशी), 25 मार्च (पापमोचिनी एकादशी) |
अप्रैल | 8 अप्रैल (कामदा एकादशी), 24 अप्रैल (वरुथिनी एकादशी) |
मई | 8 मई (मोहिनी एकादशी), 23 मई (अपरा एकादशी) |
जून | 6 जून (निर्जला एकादशी), 21 जून (योगिनी एकादशी) |
जुलाई | 6 जुलाई (देवशयनी एकादशी), 21 जुलाई (कामिका एकादशी) |
अगस्त | 5 अगस्त (श्रावण पुत्रदा एकादशी), 19 अगस्त (अजा एकादशी) |
सितंबर | 3 सितंबर (परिवर्तिनी एकादशी), 17 सितंबर (इंदिरा एकादशी) |
अक्टूबर | 3 अक्टूबर (पापांकुशा एकादशी), 17 अक्टूबर (रमा एकादशी) |
नवंबर | 2 नवंबर (देवउत्थान एकादशी), 15 नवंबर (उत्पन्ना एकादशी) |
दिसंबर | 1 दिसंबर (मोक्षदा एकादशी), 15 दिसंबर (सफला एकादशी), 30 दिसंबर (पौष पुत्रदा एकादशी) |
इस प्रकार, 2025 में कुल 24 ग्यारस (एकादशी) पड़ेंगी। आप जानना चाहते हैं कि ग्यारस कितनी तारीख की है तो यह तालिका आपकी मदद करेगी।
ग्यारस के प्रकार और उनकी खासियत
ग्यारस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- निर्जला ग्यारस: इस ग्यारस में जल भी नहीं पीना होता। यह सबसे कठोर व्रत माना जाता है।
- देव उत्थान ग्यारस: इसे देवशयनी एकादशी भी कहते हैं, जो भगवान विष्णु के शयन से जागरण का प्रतीक है।
- जल झुलनी ग्यारस: इस दिन जल में झूला झुलाने की परंपरा होती है।
- दोल ग्यारस: होली के समय मनाई जाने वाली ग्यारस।
विशेष ग्यारस की तारीखें 2025 में
- निर्जला ग्यारस: 6 जून 2025
- देव उत्थान ग्यारस: 2 नवंबर 2025
- जल झुलनी ग्यारस: अक्टूबर या नवंबर में आती है (सटीक तारीख पंचांग देखें)
- दोल ग्यारस: फरवरी या मार्च में पड़ती है
आज ग्यारस है क्या? (Aaj Gyaras Hai Kya)
यदि आप जानना चाहते हैं कि आज ग्यारस है क्या, तो आप ऑनलाइन पंचांग या मोबाइल ऐप्स की मदद से तिथि देख सकते हैं। 2025 में ग्यारस के दिन उपवास और पूजा करना शुभ माना जाता है।
ग्यारस का महत्व और लाभ
- ग्यारस के दिन उपवास रखने से मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है।
- यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
- भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- यह व्रत मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है।
विशेष प्रश्न और उत्तर
एकादशी और ग्यारस से जुड़े प्रमुख सवाल और उनके जवाब
एकादशी और ग्यारस हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण तिथियां हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि एकादशी कब है 2025 January में? या फागण की ग्यारस कब है 2025 में? तो नीचे दिए गए FAQs आपके लिए उपयोगी साबित होंगे।
एकादशी कब है 2025 January में?
2025 में जनवरी महीने की पहली एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी को है। इसके अलावा, षटतिला एकादशी 25 जनवरी 2025 को पड़ती है। दोनों तिथियां महत्वपूर्ण व्रत के लिए जानी जाती हैं।
January Me एकादशी कब है?
जनवरी 2025 में दो एकादशी हैं: 10 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी और 25 जनवरी को षटतिला एकादशी। दोनों का व्रत विधिपूर्वक किया जाता है।
फागण की ग्यारस कब है 2025 में?
फागण मास की ग्यारस, जो फाल्गुन मास की एकादशी होती है, 2025 में 10 मार्च को आमलकी एकादशी के रूप में आती है।
24 में देवउठनी ग्यारस कब है?
देवउठनी ग्यारस, जिसे देवशयनी एकादशी के बाद मनाया जाता है, 2025 में 6 जुलाई को है। यह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के बाद आता है।
ग्यारस किस दिन होती है?
ग्यारस हर महीने की ग्यारहवीं तिथि को आती है, जो शुक्ल या कृष्ण पक्ष की हो सकती है। यह तिथि चंद्र मास के अनुसार निर्धारित होती है।
एकादशी व्रत का महत्व क्या है?
एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसे रखने से पापों का नाश होता है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
निर्जला ग्यारस कब है?
निर्जला ग्यारस 2025 में 6 जून को पड़ रही है। इस व्रत में पानी भी नहीं पीया जाता, इसलिए इसे सबसे कठिन व्रत माना जाता है।
ग्यारस का व्रत कैसे किया जाता है?
ग्यारस के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। व्रत में निर्जल या फलाहार किया जाता है और दिनभर उपवास रखा जाता है।
एकादशी कब से कब तक रहती है?
एकादशी तिथि सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय तक रहती है। व्रत का पारण द्वादशी तिथि के शुभ मुहूर्त में किया जाता है।
ग्यारस की सही तारीख कैसे पता करें?
ग्यारस की सही तारीख जानने के लिए आप हिंदू पंचांग, ज्योतिष कैलेंडर या ऑनलाइन धार्मिक वेबसाइट्स का सहारा ले सकते हैं।
निष्कर्ष
ग्यारस का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे सही समय पर करना आवश्यक होता है। अब जब आप जानते हैं कि gyaras kitni tarikh ki hai और ग्यारस के दिन कैसे व्रत रखें, तो आप अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ निभा सकते हैं।
यदि आप जानना चाहते हैं कि gyaras kaun se din ki hai या gyaras kitni tarikh ko padegi, तो हर महीने पंचांग जरूर देखें और ग्यारस के दिन उपवास करके अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाएं।
आज ही जानिए अपनी अगली ग्यारस की तारीख और करें व्रत का सही पालन!
इस ब्लॉग को पढ़कर अगर आपको ग्यारस के बारे में और जानकारी चाहिए तो कमेंट करें और हमारे साथ जुड़े रहें। शुभकामनाएं!